गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई हनुमान चालीसा में कई आध्यात्मिक रहस्य भी छिपे हुए हैं इसी की एक चौपाई (Ram duare tum rakhavare hot na aagya binu pesaare) के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
Ram duare tum rakhavare hot na aagya binu pesaare-ऐसा कोई हिंदू धर्मावलंबी नहीं है जो हनुमान चालीसा के चमत्कार से अनभिज्ञ हो। हनुमान चालीसा की मंत्र रूपी चौपाइयों में सकारात्मक ऊर्जा का असीम भंडार मौजूद थे यही कारण है कि नित्य प्रतिदिन हनुमान चालीस का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान चालीसा की अलग-अलग चौपाइयों के गहन अध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक रहस्य हैं। हनुमान चालीसा में दी गई ऐसी ही एक चौपाई का आध्यात्मिक एवं सूक्ष्मतम रहस्य इस लेख में आपके समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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“राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे”(Ram duare tum rakhavare hot na aagya binu pesaare)
हनुमान चालीसा की चौपाई में गोस्वामी तुलसीदास जी हनुमान जी को संबोधित करते हुए कहते हैं कि हे हनुमान जी आप भगवान श्री राम के द्वारपाल यानी कि रखवाले हो आपकी आज्ञा के बिना कोई भी मनुष्य भगवान श्रीराम तक नहीं पहुंच सकता। देखा जाए तो महान संत तुलसीदास जी में इस चौपाई के माध्यम से स्पष्ट कहा कि हनुमान जी की आज्ञा के बिना भगवान श्री राम की शरण में नहीं पहुंचा जा सकता। इस चौपाई के सूक्ष्मतम आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर विचार कहने के पहले हम यह जानेंगे कि हनुमान जी एवं श्री राम कौन है।
हनुमान जी एवं प्रभु श्री राम कौन है?
यह तो सभी जानते हैं कि हनुमान जी रुद्र अवतार हैं यानी कि भगवान शंकर एवं माता पार्वती के अंश। वही भगवान श्री राम स्वयं परमात्मा के साक्षात अवतार हैं। मतलब परमात्मा तक पहुंचने के लिए रूद अवतार शिव शक्ति के प्रतिबिंब हनुमान जी की आराधना करनी होगी तभी हमें परमपिता परमेश्वर का सानिध्य प्राप्त होगा। शिव महापुराण में इसका उल्लेख आता है।
यह है सूक्ष्मतम अर्थ